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किट्टू की कलम से ✍️✍️ सूनो! कुछ कहूं?? जल रही हू

किट्टू की कलम से ✍️✍️

सूनो! कुछ कहूं??

जल रही हूं हर वक्त,
जैसे लिटाया गया है चिता पर,,

भीड़ है आसपास अपनो की ,
पर नहीं साथ चला कोई कदम भर ,,

सुझता नहीं अब रास्ता ,
पता नहीं मंजिल है किधर ,,

आवाज विरानियो से आती है ,
पर होता नहीं कोई भी असर ,,

समुन्द्र की लहरें हर घड़ी उठ रही है ,
पता नहीं तेरा नाम लिखा था किधर ,,

मैं एक दरिया सी हो गई हूं,
पता नहीं नैया है किधर,,

मांझी है हर वक्त सामने,
पर सच कहूं किनारा है ओझल,,

जिंदगी क्या है क्या है इसकी आरज़ू,
बस चाहत है इतनी दो गज जमीन और तू आंखों से न हो  ओझल,,

(लव यू जिंदगी ❤️ ❤️ कलेक्शन से )

## kittu 🔥
25/2/2024

©kirti tyagi
  #कुछ अनकही सी बातें,,
kantityagi8787

kirti tyagi

New Creator

कुछ अनकही सी बातें,,

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