मैं प्रयाग राज का राजकुँवर तुम शहजादी हो ख्यालों की हृदय हुआ है आपका मन में लड़ी लगी है मृदुल सवालों की हर दिन रहता था मदमस्त मगन था अपने ख्यालों का इकलौता साँझ तलक जब से देखा है तुझको होंठ दे रहे है प्रेम तरंगों का न्योता जानती हो मैंने दिखाई अपनी कुंडली ज्योतिष को वो बोले मिलन होगा शीघ्र ही , पर कब पता नहीं ©kumar shivam hindustani my feelings for you... #Shayari #Love #poem #MyPoetry #Trending