Nojoto: Largest Storytelling Platform

अपने बच्चों से सब लगा रखते हैं क्या क्या उम्मीद खु

अपने बच्चों से सब लगा रखते हैं क्या क्या उम्मीद
खुशनसीब है जो अपने पेड़ का फल खा सके 
पूरी करते रहते हैं बीबी की हर फरमाइशें 
पर बूढ़ी मां का एक चस्मा नहीं बनबा सके 
वहीं मां कहती है अगर टूटा हुआ चस्मा मेरा बनवा दिया होता तो में अच्छा सगुन अच्छा महुरत देख सकती थी ।
मुझे ख्वाहिश कहां दुनियां को देखूं ए मेरे बेटे 
मगर चस्मा लगाकर तेरी सूरत देख सकती थी। माँ
अपने बच्चों से सब लगा रखते हैं क्या क्या उम्मीद
खुशनसीब है जो अपने पेड़ का फल खा सके 
पूरी करते रहते हैं बीबी की हर फरमाइशें 
पर बूढ़ी मां का एक चस्मा नहीं बनबा सके 
वहीं मां कहती है अगर टूटा हुआ चस्मा मेरा बनवा दिया होता तो में अच्छा सगुन अच्छा महुरत देख सकती थी ।
मुझे ख्वाहिश कहां दुनियां को देखूं ए मेरे बेटे 
मगर चस्मा लगाकर तेरी सूरत देख सकती थी। माँ