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मेरे कल कल का अतीत आज की उलझन में समा गया, जो मैं

मेरे कल कल का अतीत
आज की उलझन में समा गया, 
जो मैं कल था 
वो आज नहीं रहा!

©कवि परमार सोमेश..!
  मेरे कल कल का अतीत
आज की उलझन में समा गया, 
जो मैं कल था 
वो आज नहीं रहा!

मेरे कल कल का अतीत आज की उलझन में समा गया, जो मैं कल था वो आज नहीं रहा! #शायरी

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