दफ़अतन आज बेरुखी सी उनका नया अंदाज है, लगता है जैसे किसी बात को लेकर वो नाराज़ हैं। समझना तो चाहा पर ठीक से समझ नहीं पाया, उनके दिल में दफ़न हो, जैसे कोई पुराना राज़ है। जिन्दगी नीरस बेजान सी, ना सुर है ना साज़ है, किसकी करुण पुकार है, ये किसकी आवाज़ है। दिल के बहुत करीब हैं, मेरे हमराही हमराज हैं, कशिश बनी मासुमियत पर दर्द बने अल्फाज़ हैं। "प्रिय लेखकों" कृपया "Caption" को ध्यानपूर्वक पढ़े। आज के शब्द है👉 🌸"दर्द बने अल्फ़ाज़"🌸 🌻"Dard Bane Alfaaz"🌻