रेगिस्तान की दूब सी मेरी नीरस कविताएँ, तेरे प्रेमनीर को तरसे... 'स्वप्न' गगन अनवरत निहारे, कब अश्रु सघन घन बरसे... #दूब #yqdidi #yqdidichallenge #स्वप्न