चलते हुए सड़कों पर सिग्नल तोड़ जाते हैं चलान के नाम पर नेताओं का रौब दिखाते हैं बैठे हुए ट्रेनों में , कितना समान चुराते हैं और हम भारत में, यूरोप चाहते हैं बेटा बेटी, उच नीच, जाती धर्म चिल्लाते हैं और हम भारत में, यूरोप चाहते हैं