ख्यालों से तुम्हारे होती है सुबह जैसे तैसे कटता है दिन ढलते ही शाम याद आते हो तुम आती कहां है नींद जैसे तैसे आती है नींद आते ही नींद सपनो में आते हो तुम कहूं कैसे अब याद नही आते तुम !! ©मिहिर याद आत हो तुम