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ख्यालों से तुम्हारे होती है सुबह जैसे तैसे कटता है

ख्यालों से तुम्हारे
होती है सुबह
जैसे तैसे
कटता है दिन
ढलते ही शाम 
याद आते हो तुम

आती कहां है नींद
जैसे तैसे 
आती है नींद
आते ही नींद
सपनो में आते हो तुम 

कहूं कैसे 
अब याद नही आते तुम !!

©मिहिर याद आत हो तुम
ख्यालों से तुम्हारे
होती है सुबह
जैसे तैसे
कटता है दिन
ढलते ही शाम 
याद आते हो तुम

आती कहां है नींद
जैसे तैसे 
आती है नींद
आते ही नींद
सपनो में आते हो तुम 

कहूं कैसे 
अब याद नही आते तुम !!

©मिहिर याद आत हो तुम

याद आत हो तुम #कविता