आज शब्द क्यों नहीं आ रहे ज़हन में? शायद बिना कहे ही किसी के पास पहुंच गए। कोशिश तो की थी मैंने शब्दों को पकड़ने की, पर यादों की लहर से किनारे तक पहुंच गए। अब मैं कुछ यादें लिखूं या लिखूं मेरा वर्तमान? ये जो क़लम है मेरी, अब वो भी सोच में पड़ गई। कोशिश तो की मैंने, इन दोनों को पकड़ने की, पर वर्तमान के कागज़ पर सारी यादें बिखर गईं। #nojotobhopal #9piequotes #poetry #quotes #thankyou