मुझमें रहती है तेरी नज़र हर शाम के बाद उतरता है इत्र तेरे हुस्न का हर शाम के बाद! चढ़ता है नशा तेरी आँखों को पीने के बाद थकान मिटाता हूँ तेरे गोद में आराम के बाद! मुक्कमल है 'कुमार' तू जबसे मिला सफ़र के बाद है इतनी आरज़ू रहे जुड़ा मेरा नाम तेरे नाम के बाद! You, your words, your presence are essential for my life, happiness and peace. मिल लेते हैं कभी इश्क़ कभी हुस्न की पनाह में, मुझे फिर सताने लगता है डर शाम के बाद। #paidstory #kumaarsthought #इत्र #एहसासऔरतुम