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आज भी बिना मौसम बरसात हो जाया करती है मेरी आंखो से

आज भी बिना मौसम बरसात हो जाया करती है मेरी आंखो से
जब जब तू देखती है अपनी इन नरअंदाज करने वाली अदाओं से।

( एक अकेला) Milind Pandya
आज भी बिना मौसम बरसात हो जाया करती है मेरी आंखो से
जब जब तू देखती है अपनी इन नरअंदाज करने वाली अदाओं से।

( एक अकेला) Milind Pandya