Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे अंदर जल रही इस आग को तुम बुझाओगे कैसे, मेरे ब

मेरे अंदर जल रही इस आग को तुम बुझाओगे कैसे,
मेरे बनाये इस खेल में तुम मुझे हराओगे कैसे ।।

मैं वो तारा नहीं जो तकलीफों में टूट कर बिखर जाए,
तुम मेरे अंदर के हौसलो को तोड़ पाओगे कैसे ।।

अभी  बाकि है मुझमे जान बहुत, ये तुम सोच लो,
तुम मेरे जुनून की आंधी को सहन कर पाओगे कैसे ।।

एक मैं ही था जिसने हर बार सच कहा है तुमसे,
तुम अपने इस झूठ के साथ मुझसे आँखे मिलाओगी कैसे ।।

©Anmol Singh (AS)
  #तुम #मेरे सवालों से बच पाओगी कैसे.....




#Hriday #लव #दिल #तुम #or #मैं #हमारा #इश्क़

#तुम #मेरे सवालों से बच पाओगी कैसे..... #Hriday #लव #दिल #तुम #or #मैं #हमारा #इश्क़ #Poetry

288 Views