उनकी गली से निकले तो बरसात हो गई आँखे यूँ टकराई के दिल की बात हो गई चले थे कूछ दूर अकेले आज जिन्दगी से मूलाकात हो गई देखा जब से उस चहरे को धूप मे "चाँदनी" हो गई आँखे यूँ टकराई के दिल की बात हो गई मै तो था अब तक दर्द की छाँव मे खूशी अचानक मेरी हो गई मै था जिस का दिवाना वो खूद मेरी हो गई आँखे यूँ टकराई के दिल की बात हो गई । ( चाँदनी) ©Sangeeta Verma वो खूशी मेरी हो गई