इश्क के नाम पर ना उलझ हमसे पगली, इस दिल में इश्क के लिए गुस्से की आग है। क्यों चंद पैसे के लिए मैं किसी की नौकरी करूं, मेरे पास इज़्ज़त की रोटी कमाने को सेब के बाग है। ©एस पी "हुड्डन" #बागवान