होठो पे हँसी थी मुस्कुराने की जरुरत क्या है आवाज दी बहुत मगर आने की जरुरत क्या है क्यों दो रंगी सी हो गयी है जिंदगी फिर लगता है तुम्हे बताने की जरुरत क्या है।।।। #सिद्धार्थ