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असहाय अनुभव करना बड़ी भारी भूल है किसी से सहायता

असहाय अनुभव करना बड़ी भारी भूल है
 किसी से सहायता की याचना मत करो 
अपनी सहायता हम स्वयं हैं यदि हम
 अपनी सहायता नहीं कर सकते तो
 हमारा सहायक कोई नहीं है तुम्ही 
एकमात्र अपने बंधु हो तुम्हीं 
एकमात्र अपने शत्रु हो...
 -स्वामी विवेकानंद

©VED PRAKASH 73
  #जीवन_धारा