दिनांक- 28-08-2019 विधा- काव्य मुझे भी अपनी नाव चलाने दो डूबे नहीं कश्ती ऐसे पार ले जाने दो हवाओं को ना रोको उनका काम है बहना नाविक हूँ मैं मुझे तूफानों से लड़ जाने दो डराओं नहीं कोई कि डूब जाएगी कश्ती नाविक को सम्हलने का हुनर आने दो मैं डरती नहीं किसी भी मुसिबत से मुझे मौका तो दो तुफानों से टकराने दो कि डूब जाएगी कि कश्ती अगर तैर के ही नदी पार जाने दो मैं नाविक हूँ मुझे नैया पार लगाने दो मुझे भी अपनी नाव चलाने दो हर्षिता श्रीवास्तव प्रयागराज navik hu zindagi k samundar ko paar kar jaungi.... dekha lio🤨😏😏😏😏😏