बांसुरी वादन करने वाले,गले में जिनके वैजयंती हार हैं, मोर पंख मस्तक पर रखे,हर एक पर जिनका उपकार हैं । जो वृन्दावन की गलियों में खेले,दूध दही जिनका आहार हैं, हे!श्याम तुम लौट आओ,हर भक्त की पुकार हैं।। स्नेह तुम्हारा सब पर हैं,बहाते जो अमृत की धार हैं , तुम पावन प्रेम के प्रतीक,माँ यशोदा का दुलार हैं। मुरली की धुन पर थिरकने वाले, जो सबके पालनहार हैं, हे! केशव तुम लौट आओ,हर भक्त की पुकार हैं।। मीरा जिनकी हैं दीवानी ,जो राधा के श्रृंगार हैं, कंस का वध करने वाले,करते सबका उद्धार हैं। नहीं सुरक्षित नारी कलयुग में,सहती वो अत्याचार हैं, हे! रक्षक तुम लौट आओ, हर भक्त की पुकार हैं।। जब जब संकटों के बादल छाए , गोवर्धन जिसने उठाया हैं राधा कृष्णा बनकर जिसने निश्चल प्रेम को अमर बनाया हैं वन्दना करे युग जिनकी जो करते 'हरीश' पर कृपा अपार हैं हे! माधव तुम लौट आओ, हर भक्त की पुकार हैं।। राधा माधव जन्माष्टमी😍