चोट लगती है खुद को, आइने में तस्वीर सहलाते हैं, उलझे हुए हैं हम, और संबंधों को सुलझाते हैं। खुद की बसायी दुनिया, जब नहीं संभलती, कुछ समझ नहीं पाते, परिस्थितियों को दोषी ठहराते हैं। #उलझे हुए हैं हम, संबंधों को सुलझाते हैं# Yqdidi#yqbaba#