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कवि लौट आता है फिर वहीं जहॉं उसका दिल लगता है। वह

कवि लौट आता है
फिर वहीं जहॉं उसका दिल लगता है।
वह कहीं नहीं जाता...
और जाता भी है तो ठोकरें मिलती है।
और जब वापस आता है तो
खिलखिलाती कविताएं मिलती है।

©मनीष कुमार पाटीदार #writing
कवि लौट आता है
फिर वहीं जहॉं उसका दिल लगता है।
वह कहीं नहीं जाता...
और जाता भी है तो ठोकरें मिलती है।
और जब वापस आता है तो
खिलखिलाती कविताएं मिलती है।

©मनीष कुमार पाटीदार #writing