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न चाह तेरे पैसों की न शौक आशिकाना बस तेरी रूह से

 न चाह तेरे पैसों की न शौक आशिकाना
बस तेरी रूह से मेरी रूह का मिल जाना,
मैं कैसी भी रहूं पर तेरा ध्यान हमेशा रखती हूं
तू मेरी गलतियों को आज भी बर्दाश्त करता है
क्यों समझता है मै गैर हूं झांक कर देख
मै तेरी रूह में ही बसी बैठी हूं।

©Sunita
  #ramleela 
तेरी रूह
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Sunita

New Creator

#ramleela तेरी रूह #कविता

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