ख्वाब में तुमको हम बुला लेंगे । दिल में अपने तुम्हें बसा लेंगे । प्रीत अपनी नहीं है मोहन सी- की तुम बिन द्वारिका बसा लेंगे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ख्वाब में तुमको हम बुला लेंगे । दिल में अपने तुम्हें बसा लेंगे । प्रीत अपनी नहीं है मोहन सी- की तुम बिन द्वारिका बसा लेंगे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर