Nojoto: Largest Storytelling Platform

"पसंद और प्रेम" ************** पसंद का कोई कारण हो

"पसंद और प्रेम"
**************
पसंद का कोई कारण होता है,परंतु जब प्रेम होता है.. 
तो हमें ज्ञात तक नहीं होता कि किस कारण प्रेम है।

पसंद समय के साथ बदल जाती है,
पर एक बार प्रेम हो जाए तो वो आजीवन रहता है।

कोई विशिष्ट गुण वाला व्यक्ति या वस्तु ही पसंद बन पाता है  
परंतु, प्रेम तो अच्छाई – बुराई जाने बिना ही हो जाता है।

पसंद में संतुष्टि होती है,लेकिन
 प्रेम में पागलपन का पुट रहता है।

पसंद व्यक्त करने में झिझक नही होती,
पर प्रेम व्यक्त करने में जिज्ञासा होती है।

पसंद समाप्य हो सकती है, 
पर प्रेम असमाप्य, असीमित है।।

#renu puri

©Navash2411
  #नवश