युग -युग से चलता आ रहा, बस एक युगवाणी सिर्फ प्रेम चरितार्थ करने में,मत व्यर्थ करो जवानी मानता हूं मन तेरा अभी, है प्रेम का प्यासा पर जिंदगी के है, और भी कई अभिलाषा अभी नजर न फेरे तुम तो, मिलेंगी बहुत निराशा जब खिलौने के जिद में, बच्चे कहेंगे पापा-पापा ©Rajesh Yadav #CHILD_LABOUR ग़ज़ल में कोई गहराई ना बचे, इसलिए मैंने आखिरी में पापा पापा का इस्तेमाल किया है।। समझदार के लिए तो इशारा काफ़ी है।