Pyar aur Dosti अजब प्रेम की गजब कहानी टूथपेस्ट का नमक,कोयला व चार कोल से बड़ा पुराना याराना था।उनकी ये दोस्ती जाने कब प्रेम में तब्दील हो गयी किसी को कानों कान खबर व हुई।किसी टूथपेस्ट को नमक,किसी टूथपेस्ट को चारकोल तो किसी टूथपेस्ट को कोयले से प्यार हो गया।वह अपनी दुनिया में हंसी खुशी प्रेम के गीत गा रहे थे।उनकी प्रेम कहानी परवान चढ़ रही थी।वो पहली बार 14 फरवरी को किसी घर की बगीया पर मिले थे जहाँ तरह तरह के रंगबिरंगे फूल लहलहा रहे थे सुबह की बसंती भीनी मंद शीतल बयार उन दोनों के दिलों में प्यार की ज्योति जला रही थी। ब्रश पर बैठे टूथपेस्ट की निगाहें अलाव में दधकते कोयले से हटती न थी।और कोयले की तो धड़कनें बस थम सी गयी थी ब्रश के सिंहासन पर बैठे राजकुमार पर। कोयला टूथपेस्ट के चाँदनी जैसे रंग पर मर मिटा था उधर टूथपेस्ट कोयले की काली रात के से रंग पर फिदा हो चुका था। दोनों की मुलाकात बगिया में इसी तरह होती और दोनों सारी दुनिया से बेखबर अपनी प्रेम नगरी में डूबे रहते थे।रोज बिछड़व भी होता था पर टूथपेस्ट और कोयला हर सुबह उसी बगिया में एक दूसरे का इंतजार करते थे।और मिलने पर प्रेम के गीत गाते थे।जाने कैसे इस प्रेम कहानी की खबर टूथपेस्ट की पिता(टूथपेस्ट की कंपनियाँ) जी को लग गयी।जाने क्यों टूथपेस्ट के पिताजी को ये जोड़ी पसंद नहीं आयी।टूथपेस्ट राजकुमार और कोयला एक गरीब घर की बेटी।सो प्रेम के दुश्मन बेरहमी कंपनी वालों ने उन्हें अलग करने की ठान ली।और अपने बेटे टूथपेस्ट को काफी समझने बुझाने की कोशिश की पर (पूरी कहानी caption में पढ़ें) #NojotoQuote ऐं भई कुछ भी ।।अजब प्रेम की गजब कहानी।। टूथपेस्ट का नमक,कोयला व चार कोल से बड़ा पुराना याराना था।उनकी ये दोस्ती जाने कब प्रेम में तब्दील हो गयी किसी को कानों कान खबर व हुई।किसी टूथपेस्ट को नमक,किसी टूथपेस्ट को चारकोल तो किसी टूथपेस्ट को कोयले से प्यार हो गया।वह अपनी दुनिया में हंसी खुशी प्रेम के गीत गा रहे थे।उनकी प्रेम कहानी परवान चढ़ रही थी।वो पहली बार 14 फरवरी को किसी घर की बगीया पर मिले थे जहाँ तरह तरह के रंगबिरंगे फूल लहलहा रहे थे सुबह की बसंती भीनी मंद शीतल बयार उन दोनों के दिलों में प्या