जब जिंदगी के पुराने पन्ने पलट के देखती हूं तो बहुत रोती हूं, बहुत कुछ छूट गया ,कुछ पाने के आसार में, वो बच्चपन,वो मासूमियत,वो ख़ुशी,वो लड़कपन,वो भोलापन, वो सच्ची –झूठी मनगढ़ंत कहानियां,वो सच्चा दिल,वो सादगी, वो अपनापन,वो दो पल की नाराज़गी,फिर वो अनमोल हंसी, सब खो गया मेरा इस चकाचौंध जमाने में। Naina ki Nazar se bacchpan#जिंदगी#शायरी Naina ki Nazar se