कोई मंजिल जो थी रास्तो से भटकी। हर बार हट पीछे, जो अपने आप मे थी बिखरी। शायद आज चलि है, खुद को आजमाणे। जहां थी खोई, वही पर खुद को पाने। कोई मंजिल जो थी , रास्तो से भटकी। #NojotoQuote