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गोरा रंग, काली आंखें, बिखरी जुल्फें, बहकाती हैं मु

गोरा रंग, काली आंखें, बिखरी जुल्फें, बहकाती हैं मुझे,
मेरी जान, तू सिर पर अपने, दुपट्टा रखा कर।

और मेरा कोई यकीन नहीं, मैं बेईमान आदमी हूं,
 तू अपनी खाने की चीजों में, कुछ खट्टा रखा कर।

मैं हिम्मत नहीं हारता, कोशिश जारी रखता हूं,
तुझे कुछ कच्चा भी कहूं, तू पक्का रखा कर।

थोड़ा नासमझ सा हूं, जल्दी भटक जाता हूं,
मुझे खुद की खबर नहीं, तू मेरा पता रखा कर ।

जितनी मर्जी झूठी बातें कर मुझसे, अपनी खुशी के लिए,
मगर जब बात दिल की हो, तो दिल सच्चा रखा कर।

और वक्त का कुछ भरोसा नहीं, कब कहां क्या हो जाए,
थोड़ा बहुत गिरेबान में छुपा कर, खर्चा रखा कर।

'ओमबीर काजल' सभी चाहते हैं, जवानी में लूटना लुटाना,
 है नसीहत दिमाग बड़ों जैसा, दिल को बच्चा रखा कर।

©Ombir Kajal खट्टा रखा कर
गोरा रंग, काली आंखें, बिखरी जुल्फें, बहकाती हैं मुझे,
मेरी जान, तू सिर पर अपने, दुपट्टा रखा कर।

और मेरा कोई यकीन नहीं, मैं बेईमान आदमी हूं,
 तू अपनी खाने की चीजों में, कुछ खट्टा रखा कर।

मैं हिम्मत नहीं हारता, कोशिश जारी रखता हूं,
तुझे कुछ कच्चा भी कहूं, तू पक्का रखा कर।

थोड़ा नासमझ सा हूं, जल्दी भटक जाता हूं,
मुझे खुद की खबर नहीं, तू मेरा पता रखा कर ।

जितनी मर्जी झूठी बातें कर मुझसे, अपनी खुशी के लिए,
मगर जब बात दिल की हो, तो दिल सच्चा रखा कर।

और वक्त का कुछ भरोसा नहीं, कब कहां क्या हो जाए,
थोड़ा बहुत गिरेबान में छुपा कर, खर्चा रखा कर।

'ओमबीर काजल' सभी चाहते हैं, जवानी में लूटना लुटाना,
 है नसीहत दिमाग बड़ों जैसा, दिल को बच्चा रखा कर।

©Ombir Kajal खट्टा रखा कर
ombirkajal3229

Ombir Kajal

New Creator

खट्टा रखा कर #शायरी