ये शेर जौन ओलिया ही कह सकते हैं है पहलु में टके की इक हसीना तेरी फुरकत* गुज़ारी जा रही है । जौन ओलिया जुदाई* वो सैयद बच्चा हो और शैख के साथ, मियाँ इज्ज़त हमारी जा रही है