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दिल को दुखाने तेरी याद चली आई तन्हा हूं मैं

दिल को दुखाने तेरी याद चली आई
तन्हा हूं मैं
                       ये बताने रात चली आई 
कुछ शब्दों के बाद ठहर गई है मेरी ग़ज़ल
उम्दा कवि नही हूं मैं
                     ये बताने नज़्म चली आई
चांद आज क्यू नही निकला
                ये बताने वो छत पे चली आई 
क्या ढूंढते हो तुम ''विकास
मेरे हाथों मे उनके नाम क़ि रेखा नही है
                  ये बताने तक़दीर चली आई 
मैं खो गया हूं उनकी नज़रो कि सुआओ में
            मुझे ढूढ़ने फिर दुनिया चली आई 
मैं उसके दिल मे अब नही रहता
          वो फिर भी किराया लेने चली आई #किराया
दिल को दुखाने तेरी याद चली आई
तन्हा हूं मैं
                       ये बताने रात चली आई 
कुछ शब्दों के बाद ठहर गई है मेरी ग़ज़ल
उम्दा कवि नही हूं मैं
                     ये बताने नज़्म चली आई
चांद आज क्यू नही निकला
                ये बताने वो छत पे चली आई 
क्या ढूंढते हो तुम ''विकास
मेरे हाथों मे उनके नाम क़ि रेखा नही है
                  ये बताने तक़दीर चली आई 
मैं खो गया हूं उनकी नज़रो कि सुआओ में
            मुझे ढूढ़ने फिर दुनिया चली आई 
मैं उसके दिल मे अब नही रहता
          वो फिर भी किराया लेने चली आई #किराया