मैं साजिशों से नहीं ढूंढूँगा तितलियों का घर अनजाने में आए पंखों को मैं अपना नाम बताऊंगा मेरे पास तो है नहीं बगीचा यहां देखो वहां देखो अगर तुम रहना चाहती हो तो मैं एक क्यारी फूलों की लगा दूंगा जर्रे जर्रे की मिट्टी है अलग - अलग फूलों की सुगंध है एक मैं चारों तरफ फैला दूंगा | मैं रहता हूं दूर कहीं सूखे पेड़ों में अगर तुम कहो तो एक फूल खिला दूंगा | साजिशों से नहीं ढूंढूँगा तितलियों का घर अनजाने में आए पंखों को मैं अपना नाम बताऊंगा