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दूसरे घर जाना है इनको ये सोचकर बंदिशें इतनी भी न क

दूसरे घर जाना है इनको ये सोचकर
बंदिशें इतनी भी न करो साहब कि बेड़ियाँ बन जाये
परिंदों को पिंजरे में रखते है अक्सर लोग
ये बेटियाँ है जनाब ऐसा न हो कि ख़्वाब देखना ही भूल जाये
                                       
                                                             अतुलनीय pooja #बेटियाँ#बेड़ियाँ
दूसरे घर जाना है इनको ये सोचकर
बंदिशें इतनी भी न करो साहब कि बेड़ियाँ बन जाये
परिंदों को पिंजरे में रखते है अक्सर लोग
ये बेटियाँ है जनाब ऐसा न हो कि ख़्वाब देखना ही भूल जाये
                                       
                                                             अतुलनीय pooja #बेटियाँ#बेड़ियाँ