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Saurabh Tiwari
Unsplash है तमन्ना मेरी , कि घर में एक बेटी हो, पर दूसरो की विदाई देखकर सहम सा जाता हु। उस माता पिता का दिल तो देखो साहब, जिसने नाजों से पालकर एक ही पल में उससे जुदा हो गई। जहां रहे खुश रहे यही कहते कहते विदा हो जाती है, फिर अपना घर छोड़कर दूसरों के घर की रौनक बन जाती है। ©Saurabh Tiwari #बेटियाँ sad status in hindi
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read morePoetrywithakanksha9
White . #बेटियाँ बेटियाँ चावल उछाल बिना पलटे, महावर लगे कदमों से विदा हो जाती हैं । छोड़ जाती है बुक शेल्फ में, कवर पर अपना नाम लिखी किताबें । दीवार पर टंगी खूबसूरत आइल पेंटिंग के एक कोने पर लिखा अपना नाम । खामोशी से नर्म एहसासों की निशानियां, छोड़ जाती है ...... बेटियाँ विदा हो जाती हैं । रसोई में नए फैशन की क्राकरी खरीद, अपने पसंद की सलीके से बैठक सजा, अलमारियों में आउट डेटेड ड्रेस छोड़, तमाम नयी खरीदादारी सूटकेस में ले, मन आँगन की तुलसी में दबा जाती हैं ... बेटियाँ विदा हो जाती हैं। सूने सूने कमरों में उनका स्पर्श, पूजा घर की रंगोली में उंगलियों की महक, बिरहन दीवारों पर बचपन की निशानियाँ, घर आँगन पनीली आँखों में भर, महावर लगे पैरों से दहलीज़ लांघ जाती है... बेटियाँ चावल उछाल विदा हो जाती हैं । एल्बम में अपनी मुस्कुराती तस्वीरें , कुछ धूल लगे मैडल और कप , आँगन में गेंदे की क्यारियाँ उसकी निशानी, गुड़ियों को पहनाकर एक साड़ी पुरानी, उदास खिलौने आले में औंधे मुँह लुढ़के, घर भर में वीरानी घोल जाती हैं .... बेटियाँ चावल उछाल विदा हो जाती हैं। टी वी पर शादी की सी डी देखते देखते, पापा हट जाते जब जब विदाई आती है। सारा बचपन अपने तकिये के अंदर दबा, जिम्मेदारी की चुनर ओढ़ चली जाती हैं । बेटियाँ चावल उछाल बिना पलटे विदा हो जाती हैं । (#बेटियों_को_समर्पित) ©Poetrywithakanksha9 #moon_day poetry lovers hindi poetry on life poetry deep poetry in urdu poetry quotes
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read moreDevesh Dixit
बेटियाँ (दोहे) लाड लड़ाती बेटियाँ, लाती हैं मुस्कान। तुतला कर जब बोलतीं, लगती तब नादान।। बात बड़ों सी वो करें, रखतीं सबका ध्यान। होती हैं ये बेटियाँ, दो कुल की जो शान।। कुदरत की ये है कला, दी जिसने पहचान। अद्भुत होती बेटियाँ, सिखलाते भगवान।। मरवाते जो कोख में, बन जाते हैवान। प्यारी होती बेटियाँ, कब समझे इंसान।। आसमान को छू रहीं, ऐसी भरें उड़ान। अनुपम है ये बेटियाँ, इनको दें सम्मान।। सहकर भी वह दुख सभी, करती कर्म महान। होती ऐसी बेटियाँ, क्यों बनता अनजान।। मिलती हैं सौभाग्य से, कहते सभी सुजान। जिस घर में हों बेटियाँ, वह है स्वर्ग समान।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #बेटियाँ #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry बेटियाँ (दोहे) लाड लड़ाती बेटियाँ, लाती हैं मुस्कान। तुतला कर जब बोलतीं, लगती तब नादान।। बात बड़ों सी वो करें, रखतीं सबका ध्यान।
#बेटियाँ #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry बेटियाँ (दोहे) लाड लड़ाती बेटियाँ, लाती हैं मुस्कान। तुतला कर जब बोलतीं, लगती तब नादान।। बात बड़ों सी वो करें, रखतीं सबका ध्यान।
read moreAndy Mann
बेटियाँ बाप की आँखों में छुपे ख़्वाब को पहचानती हैं और कोई दूसरा इस ख़्वाब को पढ़ ले तो बुरा मानती हैं ©Andy Mann #बेटियाँ
Devesh Dixit
बेटियाँ (दोहे) लाड लड़ाती बेटियाँ, लाती हैं मुस्कान। तुतला कर जब बोलतीं, लगती तब नादान।। बात बड़ों सी वो करें, रखतीं सबका ध्यान। होती हैं ये बेटियाँ, दो कुल की जो शान।। कुदरत की ये है कला, दी जिसने पहचान। अद्भुत होती बेटियाँ, सिखलाते भगवान।। मरवाते जो कोख में, बन जाते हैवान। प्यारी होती बेटियाँ, कब समझे इंसान।। आसमान को छू रहीं, ऐसी भरें उड़ान। अनुपम है ये बेटियाँ, इनको दें सम्मान।। सहकर भी वह दुख सभी, करती कर्म महान। होती ऐसी बेटियाँ, क्यों बनता अनजान।। मिलती हैं सौभाग्य से, कहते सभी सुजान। जिस घर में हों बेटियाँ, वह है स्वर्ग समान।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #बेटियाँ #दोहे #nojotohindi बेटियाँ (दोहे) लाड लड़ाती बेटियाँ, लाती हैं मुस्कान। तुतला कर जब बोलतीं, लगती तब नादान।। बात बड़ों सी वो करें, रखतीं सबका ध्यान।
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read moreअनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "
बेटियाँ माँ कि 'ममता' की बहुत निकट होती है पर उनकी जीवन में 'समस्याए' विकट होती है एक दिन छोड़कर जाना पड़ता है बाबुल का घर तक़दीर देती कभी साथ कभी ठोकरें दर - बदर ©अनुषी का पिटारा.. #MainAurMaa #बेटियाँ #अनुषी_का_पिटारा
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read moreNeeraj kumar Agarwal
सच देश की बेटियां सड़क पर चल रही हैं। सोच समझ के साथ पढ़ बढ़ रही है। बस आधुनिक समय के फैशन समझ रही है। मन भावों में झूठ कहीं सोच रही है। माता पिता और भाई को बहाने दे रही है। सच अपनी समझदारी ना समझ रही है। सच बच्चों की गलती भूलाई जाती हैं। एक उम्र और नासमझी से ग़लती हो जाती है। बस जिस माता पिता ने जन्म दिया हमको है। हमने न बात उनकी समझ रहे हैं। सच यही बेटियां सड़क पर कट रही है। सच समाज और सोच हम सबकी ही तो है। बस नासमझी हम सब जानते है। हां तुम नारी शक्ति सभी मानते हैं। बस सोच और दृढ़ निश्चय होते हैं। सब दोषी सजा तो पा ही जाते है। बस बेटियां खो गई तब हमें भी सजा हो जाती है। आओ सोच समझ कर कदम उठाते हैं। हम सभी बेटियां आज सोच समझ हिन्दू हिन्दूत्व बनाती हैं। *नीरज अग्रवाल चंदौसी उप्र*है ©Neeraj Agarwal #बेटियाँ
poonam atrey
बेटियाँ तो ज़ीनत होती हैं घर की, तो क्यूँ इन्हें बोझ कह ठुकराते हो, ये ही सँवारती हैं कल और आज को, क्यूँ तुम इनका, अस्तित्व ही मिटाते हो, बिना बेटी के कैसे ,जग हो चला पाओगे, ये बात तुम सब ,मान क्यूँ नही जाते हो।। ©poonam atrey #बेटियाँ #बेटीबचाओ