हैं उम्मीद एक एक कतरा है जुनु आखरी सांस तलक बाकी है आसमां तक तेरी रहमत है हवा में तेरे साकी मैं खोजु किसे जो खुद को खोज रहा मंजिल थी मुझमें और पता मैं पुछ रहा हर कदम कदम तू मेरा ढंग हुआ आ छू लू तूझे तू मुझे आ मिल जा रहा दरियाँ से मिलके बादल कब हुआ जुदा चेहरे चेहरे पर तेरा अक्स हाजिर है हार गया मैं सब कुछ तुझे पाने को क्या ये हारना मेरा तेरे काबिल है मैं चाहे जहाँ रहुँ मेरा हर लम्हा तुझमें शामिल है.... ©Vishal Singh #stilllove