Nojoto: Largest Storytelling Platform

उनके शहर के तो कबूतर भी वफ़ादार है मुर्शद , अब भी

उनके शहर के तो कबूतर भी वफ़ादार है मुर्शद ,
अब भी आते है हर रोज़ मेरी कब्र पर ,

वफ़ा के काबिल तो बस वो ही नहीं था ,
जो ज़माने से डरकर छोड़ गया बीच राह पर ,

कासिद (कबूतर ) मेरा एक पैगाम भेज दे ना '
उसके शहर में उसके नाम ,

महज़ इतना ही लिख दे ना ,
" गर सताने लगे मेरी यादें तो आ जाये ,
मेरी तस्वीर संग मेरी कब्र पर , "

मुरझायें फूल भी महक जायेगें महज़ उसकी महक से,
बस आहिस्ता से मेरी कब्र को छुने पर.......

©Pinki
  कबूतर
कब्र
वफ़ा के काबिल
कासिद
तस्वीर
महक जाये
मेरी कब्र
rahulrahul7008

Pinki

Bronze Star
New Creator
streak icon20

कबूतर कब्र वफ़ा के काबिल कासिद तस्वीर महक जाये मेरी कब्र #शायरी

344 Views