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वक्त बेवक्त अंधेरों का जुल्म इतना बढ़ा है रौशनी क

वक्त बेवक्त अंधेरों का जुल्म इतना बढ़ा है 
रौशनी को भी चिराग लेकर चलना पड़ा है 



 बड़े दरख्तों के साए में भी कभी नन्हे पौधा  पनपता है 
घनी छायादार परछाइयों में भी भला कोई  दिखता है 




यह वरदान  प्रकृति से केवल मां को ही मिला है 
आने वाला विराट कल भी गोदी में खेलता है 
बबली भाटी बैसला
्

©Babli BhatiBaisla विराट Priya महज़ Ruchi Rathore Sharma_N Sweety mehta
वक्त बेवक्त अंधेरों का जुल्म इतना बढ़ा है 
रौशनी को भी चिराग लेकर चलना पड़ा है 



 बड़े दरख्तों के साए में भी कभी नन्हे पौधा  पनपता है 
घनी छायादार परछाइयों में भी भला कोई  दिखता है 




यह वरदान  प्रकृति से केवल मां को ही मिला है 
आने वाला विराट कल भी गोदी में खेलता है 
बबली भाटी बैसला
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©Babli BhatiBaisla विराट Priya महज़ Ruchi Rathore Sharma_N Sweety mehta