शर्म से लाल हो जाते , चंद गर तुझसे सवाल हो जाते Stet2019 याद भी है, यादकर के बेमिसाल हो जाते भुख,शर्म से मर रहे हैं जो, बहाल होकर खुशहाल हो जाते तेरी राजनीति बदतर है और तु तो पिशाच जैसा है कोई और होता तेरी जगह, तो हम पुरे कमाल हो जाते ©Qamar Abbas #aloneincrowd