2018 की ek बेहतरीन शायरी खिड़की पर दिखती थी मैं जब भी गुजरता था उसकी राह से। और आखरीवार दिखी तो डोली में दिखी पारुल शर्मा #NojotoQuote खिड़की पर दिखती थी मैं जब भी गुजरता था उसकी राह से। और आखरीवार दिखी तो डोली में दिखी पारुल शर्मा