रूठे-से """"""""""""" आज फिर... शब्द रूठे-से हैं भावनाएँ... आकार लेकर उभरने से इनकार कर रही हैं... और यादें... समन्दर-सी उमड़ रहीं हैं दिल में छलक रहीं हैं आँसू बनकर और मैं... बैठा हूँ कविता करने जो मुझसे कभी होती ही नहीं लेकिन अपनी भी ज़िद है शब्दों को... दर्द के साँचे में ढालकर पिघलाऊँगा जलाऊँगा... खुद को ग़मों की तपिस में हाँ,ग़म... जो कुछ अपनों ने दिए कुछ ग़ैरों ने एक तो... तुम्हारा है जिसे सहेज रखा है मैंने मैं... उसी को कुरेदूँगा दिल अंदर तक छेदूँगा दर्द... अगर तब होगा तो निश्चित कुछ शब्द फूटेंगे उन्हीं... शब्दों को जतन से पिरोकर पन्ने पर लिख डालूँगा फिर... चाहे उन्हें कोई कविता समझे या ना समझे ©Ghumnam Gautam #standout #आज #रूठे #भावनाएँ #इनकार #दर्द #अल्फाज़ #ghumnamgautam