Nojoto: Largest Storytelling Platform

किसी ने फाड़ दी उल्फ़त की वो किताब पुनः बिखर गया है

किसी ने फाड़ दी उल्फ़त की वो किताब पुनः
बिखर गया है कहीं पर कोई गुलाब पुनः
पुनः हुआ है किसी पर दहर का ज़ुल्म-ओ-सितम
किसी की आँखों से बहकर गिरे हैं ख़्वाब पुनः

©Ghumnam Gautam #किताब 
#आँखें 
#ghumnamgautam
किसी ने फाड़ दी उल्फ़त की वो किताब पुनः
बिखर गया है कहीं पर कोई गुलाब पुनः
पुनः हुआ है किसी पर दहर का ज़ुल्म-ओ-सितम
किसी की आँखों से बहकर गिरे हैं ख़्वाब पुनः

©Ghumnam Gautam #किताब 
#आँखें 
#ghumnamgautam