आँखों के आईना से ख़ुदा देखता है इंसान हर शख्स को जुदा देखता है दिन में शब में यादों के गलियारों में अपनी ज़िंदगी का सफ़र देखता है कभी ना-उम्मीदी कभी उम्मीदी से अपनी मंजिल का सफ़र देखता है यकीनी और बेयकीनी के दरिम्यान यूं दोस्ती और दुश्मनी को देखता है #तन्मय ©Tanmay Pandey #Hum