ना जाने हम कब बड़े होंगे कब मिलेगी पढाई से छुटकारा, मम्मी-पापा के तरह कब रहेंगे कब चलेगा केवल बस हमारा । ये रोज रोज मम्मी की डांट ये रोज रोज पापा का फटकार, आखिर कब तक सहना है मुझे कुछ तो बोलो मेरे दोस्त मेरे यार । जब 'मधुकर' भी बड़े हो जाऐंगे हम भी माँ बाप बन जाऐंगे, आज का बदला कल जरूर लेंगे अपने बच्चों पर रोब जमायेंगे । ---मधुकर बचपन के कुछ ख़्वाब पड़े हैं आँखों में बचपन की कुछ साँसें पड़ी हैं साँसों में। #बचपनकाख़्वाब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #anil_madhukar