हद से बड़ी उड़ान की ख्वाहिश तो यूँ लगा, जैसे कोई परों को कतरता चला गया | मंज़िल समझ के बैठ गये जिनको चंद लोग, मैं एैसे रास्तों से गुज़रता चला गया || - वसीम बरेलवी #nojoto #nojotohindi #poetry #love #india #nojotoapp AK Ajay Kanojiya Kђusђi SiŇgђ😟