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शराब ने मेरी sixth sense खोल के रख दी , जब होश आया

शराब ने मेरी sixth sense खोल के रख दी ,
जब होश आया तो मुझे उसकी चाबी न मिली ।
यही होता अक्सर खुदा से ख्वाब में बात अक्सर होती है मेरी,
चाबी तो वो दे जाता है पर जीते जी जन्नत न मिली।

और मरना तो समय से होगा ऊं हूं तुम खाक जानते हो,
वैसे इक नज़र में मिल जाती है जन्नत, तुझे अब तक न मिली।
शराब ने मेरी sixth sense खोल के रख दी ,
जब होश आया तो मुझे उसकी चाबी न मिली ।
यही होता अक्सर खुदा से ख्वाब में बात अक्सर होती है मेरी,
चाबी तो वो दे जाता है पर जीते जी जन्नत न मिली।

और मरना तो समय से होगा ऊं हूं तुम खाक जानते हो,
वैसे इक नज़र में मिल जाती है जन्नत, तुझे अब तक न मिली।