जाने तो दिया मैने उसे अब क्या उसके लौटने इंतजार करना भी गुनाह है? उसे कहते तो कुछ नहीं हम अब क्या दीदार करना भी उसकी हु अब क्या वफा गुनाह है? भरोसा है दिल को आएगा वो वापस अब क्या एतबार करना भी गुनाह है? इश्क़ है तो आज भी सिर्फकरना भी गुनाह है? अपने साथ मेरे जीने की वजह भी ले गया वो अब क्या मरने करना भी गुनाह है? btaye koi kya yeh gunah hai??