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मैं जनती हूं कविताएं किसी अन्य को जनक के अधिकार


मैं जनती हूं  कविताएं 
किसी अन्य को
जनक के अधिकार के आधिपत्य से
मुक्त रखती हूं।
सहधर्मिता की  नियमावली  का
अनुपालन नहीं होता
इस सृजन में।
 मैंने अपनी अनुभूतियों की हठधर्मिता 
के  निर्वहन  मात्र से
अपने हृदय गर्भ में
बीज आरोपित किए हैं
जो बसंत और घहराते काले 
मेघ सदृश  पुष्पधन्वा की
धरोहर हैं।
कुसुम कचनार पाटली केतकी 
से झड़ते रस गन्ध से पोषित
स्वाति उत्तराआषाढ नक्षत्रों की
बूंदों से अलंकृत 
मलय पवन के रेशे से
बुने गए कौशेय वसन 
सुसज्जित
मैं आसन्नप्रसवा जनती हूं कविताएं!
                    प्रीति


     #जननी#कविता #गर्भ ##प्रसव
#yqhindi #yqhindiquotes 
पुष्पधन्वा  : कामदेव
पाटली:    गुलाब   , केतकी: केवड़ा
कौशेय :  रेशमी
आसन्नप्रसवा : जिसे शीघ्र प्रसव होने को हो।
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मैं जनती हूं  कविताएं 
किसी अन्य को
जनक के अधिकार के आधिपत्य से
मुक्त रखती हूं।
सहधर्मिता की  नियमावली  का
अनुपालन नहीं होता
इस सृजन में।
 मैंने अपनी अनुभूतियों की हठधर्मिता 
के  निर्वहन  मात्र से
अपने हृदय गर्भ में
बीज आरोपित किए हैं
जो बसंत और घहराते काले 
मेघ सदृश  पुष्पधन्वा की
धरोहर हैं।
कुसुम कचनार पाटली केतकी 
से झड़ते रस गन्ध से पोषित
स्वाति उत्तराआषाढ नक्षत्रों की
बूंदों से अलंकृत 
मलय पवन के रेशे से
बुने गए कौशेय वसन 
सुसज्जित
मैं आसन्नप्रसवा जनती हूं कविताएं!
                    प्रीति


     #जननी#कविता #गर्भ ##प्रसव
#yqhindi #yqhindiquotes 
पुष्पधन्वा  : कामदेव
पाटली:    गुलाब   , केतकी: केवड़ा
कौशेय :  रेशमी
आसन्नप्रसवा : जिसे शीघ्र प्रसव होने को हो।
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preetikarn2391

Preeti Karn

New Creator