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ख़त्म है ताल्लुक़ात चलता कर, रात मेरा हिसाब चु

ख़त्म है ताल्लुक़ात चलता कर, 
रात  मेरा  हिसाब  चुकता  कर,

सुधर पाती  कहाँ  अकड़  ऐसे, 
मौत हो सामने  तो झुकता सर,

तेज  रफ़्तार  ज्वार  थम जाता, 
प्यार मिटता नहीं है रुकता डर,

बिना सुकून  व्यर्थ है  सबकुछ, 
चैन है सिर्फ  जहाँ  रब का दर,

वक़्त देता  नहीं  माफ़ी  'गुंजन', 
ख़ता किया है सजा भुगता कर,
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ○प्र○

©Shashi Bhushan Mishra #चुकता कर#
ख़त्म है ताल्लुक़ात चलता कर, 
रात  मेरा  हिसाब  चुकता  कर,

सुधर पाती  कहाँ  अकड़  ऐसे, 
मौत हो सामने  तो झुकता सर,

तेज  रफ़्तार  ज्वार  थम जाता, 
प्यार मिटता नहीं है रुकता डर,

बिना सुकून  व्यर्थ है  सबकुछ, 
चैन है सिर्फ  जहाँ  रब का दर,

वक़्त देता  नहीं  माफ़ी  'गुंजन', 
ख़ता किया है सजा भुगता कर,
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ○प्र○

©Shashi Bhushan Mishra #चुकता कर#