#MessageOfTheDay दीर्घ यामिनी तिमिर आंचल तुम उजियारे की आस हो धरा सम शिथिल यह मेरा मन तुम चंचल सी उल्लास हो जग के हो कुछ मूल्यांकन भूल कहो या दांव कहो या कह दो मन का मंथन इस जीवन के श्वेत पत्र पर तुम ही प्रथम प्रयास हो। मन्मंथ्✍🏻 ©Manmanth Das #Messageoftheday #कविता #शायरी #मुक्तक #मन्मंथ