ये इक आखिरी रात है मेरी तेरे आशियाने में, के लौट कर फिर अब वापस आना ना होगा, तेरे आंगन में मेरा फिर चहचहाना ना होगा, मेरी यादें रहेंगी बेशक, पर मेरा साया ना होगा। अब फिर कभी वापस आना ना होगा। फिर वो तराना ना होगा, फिर वो ज़माना ना होगा। #poem #hindipoetry #life #hope