#शोख_चंचल अपना बचपन याद आता सबको है.. निश्छल निर्मल चंचलता का उसमें सब ही मिश्रण है.. फ़िक्र नही थी दिल पर कोई चाहत भी बस थोड़ी थी.. खेल-कूद और हंसी ख़ुशी में गुजरा सबका बचपन है.. यादें अब भी तरो ताज़ा है जब भी झांकू बचपन में.. बचपन हो जाता जीवंत है जैसे बात ये कल की हो.. #अजय57